Ravichandran Ashwin
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रविचंद्रन अश्विन का संन्यास: एक रहस्यमयी विदाई
106 टेस्ट मैच, 537 विकेट और बल्ले से 3503 रन बनाने के बाद रविचंद्रन अश्विन का अचानक संन्यास लेना भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक बड़ा झटका है । क्या सिर्फ एक विदाई मैच न खेलने का मलाल है या फिर भविष्य के लिये रह जायेगा ,करोड़ो हिंदुस्तानियो के दिल मे कुछ और गहरा सवाल ?
वैसे कहा जाता है कि ये फैसला खिलाड़ी का होता है, पर प्रेस कॉन्फ्रेस में बहुत कुछ न कहते हुए भी ,सवाल छोड़ गये लीजेंड ऑफ स्पिनर" रविचंद्रन अश्विन " .
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट में अश्विन का न खेलना, दूसरे में मौका मिलना और तीसरे टेस्ट के ड्रॉ होने के बाद संन्यास का ऐलान करना, ये सब कुछ बहुत अजीब लग रहा है।फिर चाहे प्रेस कॉन्फ्रेस मे अश्विन का ये कहना की उनमें अभी भी क्रिकेट खेलने की ऊर्जा है, या फिर कप्तान रोहित शर्मा क कहना कि उन्होंने अश्विन को पर्थ टेस्ट तक खेलने के लिए कहा था। तो क्या अश्विन ने रोहित के ऑस्ट्रेलिया पहुंचने से पहले ही संन्यास लेने का फैसला कर लिया था? या फिर कोई और कारण है?
किसको पता था कि पर्थ टेस्ट की पहली पारी के 56वें ओवर में हम आखिरी बार अश्विन को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजी करते हुए देखेंगे। अश्विन ने भारतीय क्रिकेट को कई यादगार पल दिए हैं, चाहे वो 2013 चैम्पियंस ट्राफी का फाइनल ओवर हो या 2022 में पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी गेंद पर लगाया गया मिड ऑफ के उपर से लॉफ्टेड शॉट हो, 2024 में बांग्लादेश के खिलाफ 113 रनों की पारी हो या फिर 2019 आईपीएल में जोस बटलर को नियम याद दिलाना हो।
भारतीय क्रिकेट को अनगिनत यादे दी है ,एक नई शुरुआत क लिए बहुत - बहुत शुभकामनाएं ।
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